प्रेग्नेन्सी : बदला लेने का नया तरीका - 1 Abhilekh Dwivedi द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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प्रेग्नेन्सी : बदला लेने का नया तरीका - 1

रुमानियत को सेलिब्रेट करने के लिए मौकों से ज़्यादा बहाने की ज़रूरत होती है इसलिए प्यार में पड़े हुए योगियों को योग्य दिन नहीं, बस ऐसे बहानों की ज़रूरत होती है जहाँ दो जिस्म एक जां हो जाए और बेपर्दा जिस्म की गर्मी से रूह भी इश्क़ से तर-ब-तर हो जाए। अब ऐसे में समर्थ और अनन्या को मौका और बहाना अच्छा मिला था। कुछ महीनों में करीब आने के बाद अनन्या का जन्मदिन भी था और समर्थ इस मौके को ख़ास भी बनाना चाहता था। इश्क़ जब नया-नया हो तो आशिक़ वो हर चीज़ करना चाहता है जो किसी ने पहले ना किया हो। कुछ भोर में अपनी महबूबा को शहर के बीच चौराहे में चूमते हैं तो कुछ पूरा मॉल बुक कर लेते हैं। समर्थ ने कुछ अलग सोचा था।
"तो कैसा लगा आज का सरप्राइज़?"
"मैंने तो सोचा भी नहीं था! लेकिन तुमने इतना लैविश अरैंजमेंट क्यों किया? पूरा रिसोर्ट ही बुक कर दिए!"
"ताकि हम दोनों को कोई और नहीं देखे और जब हम हम एक दूसरे को देखें, तो कुछ और हमे ना दिखे!"
"हम्म! बहुत ज़्यादा रोमांटिक हो रहे हो। तो बताओ, आज कैसे सेलिब्रेट करने का इरादा है?"
"वैसे ही, जैसे एक कपल ऐसी प्राइवेसी में एक दूसरे को ट्रीट करते हैं!"
बात तो समर्थ की एकदम सही थी। वैसे भी दोनों एक साथ शॉवर लेकर निकले ही थे और अभी तक तौलिये में ही लिपटे थे। अनन्या ने खुद को उनसे आज़ाद किया और ब्लैंकेट को अपना लिबास बना लिया। समर्थ ने उसे चूमते हुए जब सिरहाने पड़े ड्रॉर को खोला तो अनन्या को कुछ समझ में आ गया।
"मोमेंट को मेमोरेबल बनाना कोई तुमसे सीखे! पूरी तैयारी है मिस्टर समर्थ!"
"और क्या! इस दिन के हर पल को चाहता हूँ कि वो ज़्यादा से ज़्यादा देर ठहरे!"
और फिर ड्रॉर से कंडोम लेकर समर्थ ने अपना काम शुरू किया।
रुमानियत जब अंगड़ाई लेती है तो तमाम चीज़ें खामोश होकर उसकी खूबसूरती को निहारते हैं। इस कमरे में भी इस कपल के इस पल की खूबसूरती को कमरे की हर बेजान चीज़ निहार रहे थे, इस उम्मीद से कि शायद उनकी तरफ भी इनका ध्यान भटके। लेकिन ये फिलहाल ना-मुमकिन था!
ये दिन भी गुज़रे और इसी तरह आने वाले दिन भी गुज़रे। वैसे भी प्यार में दिन कम ही लगते हैं भले वो ३६५ के बजाय ५६३ हो जाएँ। फिलहाल तो यहाँ दो वीक गुज़रे थे और इश्क़ का नुक्ता कुछ हिल गया था।
"मैं किसी भी हाल में इसे एक्सेप्ट नहीं करूँगा। मैं क्यों किसी और के बच्चे का बाप बनूँ?"
"सुनो समर्थ, तुम्हारी ही तरह मुझे भी अपने रेस्पेक्ट की परवाह है। अगर तुम इसे एक्सेप्ट नहीं करोगे तो मुझे मजबूरन तुमपर रेप का केस फाइल करना पड़ेगा।"
"क्या बकवास है? मैंने प्रीकॉशन्स लिए थे और फिर भी तुम प्रेग्नेंट हुई हो तो इसका मतलब साफ है, कि तुम मुझसे चीटिंग कर रही थी।"
गर्मी तो बढ़ ही गयी थी। ऐसे में अनन्या ने कसकर एक तमाचा समर्थ को जड़ दिया।
"अगर मुझपर इसे थोपने की कोशिश करोगी तो तुम सोच भी नहीं सकती कि तुम्हारे साथ क्या से क्या हो सकता है।" समर्थ का जवाब था।
समर्थ भी गुस्से में ही था। उसने बस उसे इतना ही धक्का दिया कि अनन्या पलंग पर गिर जाए। इतना कहकर वो निकल गया। अनन्या को गुस्सा तो आया लेकिन समझ नहीं आ रहा था करें क्या। पेरेंट्स को बताना मतलब तालिबानी फरमान का परचम लहराना। उसी समय उसके मोबाइल पर मैसेज का नोटिफिकेशन आया। मैसेज उसकी फ्रेंड आकृति का था।
मैसेज में उसने लिखा था, "मैं प्रेग्नेंट हूँ" (क्रमशः)